•×°''इन *बरसात* की *बूंद* में.. *वो* ही *सब_ए_महताब* था .. में *पढ़* रहा था कुछ *सवाल* .. जो हर *बात* का *जवाब* था .. मैं *लिखी* हुई सी कोई *मैकशी*.. वो *आंखों* की *शराब* था .. मैं *खोखले कागज़* सा था .. वो *इश्क* की *किताब* था .. .. ... !!''•√° #. . ©anurag amii # kuch lafz..