"कल' एक छलावा है" 'कल' एक छलावा है जो कभी नहीं आता है छलता है हमको प्रतिदिन वह आने का वादा कर नहीं आता है जो 'आज' है वही रूप बदलता है 'कल' बनकर हमको वह छलता है कर अटल विश्वास 'कल' पर हम टाल देते एक-एक काम 'कल' पर हैं 'कल' वो छलिया जो सब छ्ल लेता सौंप दिया जो काम फिर अधूरा रहता है भाग-दौड़ तो खूब कराता हमसे 'कल' एवज़ में बस इक ठेंगा ही दिखला देता है 'कल' से की दोस्ती-यारी जिसने भी फिर सच्चा-दोस्त 'समय' साथ छोड़ देता है 'कल' से नाता जिसने दिया अपना तोड़ 'समय' उसके साथ पक्की मित्रता निभाता है 'कल' तो बस छलावा है जो कभी नहीं आता है इस पर भरोसा करने वाला जीवन भर पछताता है! मुनेश शर्मा मेरी✍️🌈🌈🌈 सुप्रभात। कल एक छलावा है। जो लोग कल पर अपने जीवन को वार रखते हैं वो जीवन भर हार रहते हैं। #छलावा #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi