तेरे साथ बिताए वो स्वर्णिम पल, हम यादों के संदूक में संभाले है। ना कोई चिंता न कोई फ़िक्र, दिल खुशियों से भर जाए। रोमांचित हो जाता तन मन जब, स्वर्णिम पल याद आए।। सौजन्य से:- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ खुशियों के पल की .... यह कोई प्रतियोगिता नही और न ही "काव्य पथिक" किसी भी कवि/ कवियित्रियों को हार जीत के तराज़ू में तौलने को इक्षुक है, यहाँ लिखने और सीखने में रुचि रखने वालों के लिए प्रत्येक दिन सिर्फ एक विषय दिया जाता है, जिसे वो अपने लेखनी के माध्यम से सजाते व सँवारते हैं। "काव्य पथिक ™" आप सभी कलमकारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।