कितनी उम्मीदें लगाए बैठे थे हम उन्हे अपना समझकर जो गैरो की बाहों में बैठकर हमे बेवफा बता रहे हैं ©SUNIL jalandhra कितनी #उम्मीदें लगाए बैठे थे हम उन्हे #अपना #समझकर जो #गैरो की #बाहों में बैठकर हमे #बेवफा बता रहे हैं #dusk