Nojoto: Largest Storytelling Platform

उन आरजुओं की औकात क्या जो अपनों में दखल करे ऐसी हज

उन आरजुओं की औकात क्या
जो अपनों में दखल करे
ऐसी हजारों ख्वाहिशें कुर्बान हैं
इक रिश्ते के लिये!!

ये जो मेरा दिल है प्रेम का दरिया है
घर इसमें बनाओगे तो डूब जाओगे
बन बदली बरस जाये दो बूंद प्यार की
याचक बन जाता हूँ ऐसे
इक फरिश्ते के लिये!!

अपनी चन्द ख्वाहिशों में प्रेम का चमन
उजाड़ देते हैं किसी का लोग
जीवन नीरस है मरुथल है
ऐसे स्वार्थ परस्तों के लिये!!
                                 बृजेन्द्र 'बावरा, उन आरजुओं की औकात क्या
जो अपनों में दखल करे
ऐसी हजारों ख्वाहिशें कुर्बान हैं
इक रिश्ते के लिये!!

ये जो मेरा दिल है प्रेम का दरिया है
घर इसमें बनाओगे तो डूब जाओगे
बन बदली बरस जाये दो बूंद प्यार की
उन आरजुओं की औकात क्या
जो अपनों में दखल करे
ऐसी हजारों ख्वाहिशें कुर्बान हैं
इक रिश्ते के लिये!!

ये जो मेरा दिल है प्रेम का दरिया है
घर इसमें बनाओगे तो डूब जाओगे
बन बदली बरस जाये दो बूंद प्यार की
याचक बन जाता हूँ ऐसे
इक फरिश्ते के लिये!!

अपनी चन्द ख्वाहिशों में प्रेम का चमन
उजाड़ देते हैं किसी का लोग
जीवन नीरस है मरुथल है
ऐसे स्वार्थ परस्तों के लिये!!
                                 बृजेन्द्र 'बावरा, उन आरजुओं की औकात क्या
जो अपनों में दखल करे
ऐसी हजारों ख्वाहिशें कुर्बान हैं
इक रिश्ते के लिये!!

ये जो मेरा दिल है प्रेम का दरिया है
घर इसमें बनाओगे तो डूब जाओगे
बन बदली बरस जाये दो बूंद प्यार की

उन आरजुओं की औकात क्या जो अपनों में दखल करे ऐसी हजारों ख्वाहिशें कुर्बान हैं इक रिश्ते के लिये!! ये जो मेरा दिल है प्रेम का दरिया है घर इसमें बनाओगे तो डूब जाओगे बन बदली बरस जाये दो बूंद प्यार की #nojotohindi #nojotorelationship #bawraspoetry #Rishta_poetry #Khwahish_poetry #Nojoto_Love_Poetry #Nojoto_Humanbeings #Nojoto_Daria_Poetry