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माशाअल्लाह, कभी-कभी ये जुल्फें भी हुस्न से सरगोशिय

माशाअल्लाह, कभी-कभी ये जुल्फें भी हुस्न से सरगोशियां करती हैं,

चेहरे पर बार-बार फिसलकर अपनी मोहब्बत का इजहार करती हैं।

----अशोका द शायर

©Ashoka The Shayar कभी-कभी ये जुल्फें भी -------

#Memories
माशाअल्लाह, कभी-कभी ये जुल्फें भी हुस्न से सरगोशियां करती हैं,

चेहरे पर बार-बार फिसलकर अपनी मोहब्बत का इजहार करती हैं।

----अशोका द शायर

©Ashoka The Shayar कभी-कभी ये जुल्फें भी -------

#Memories