इस सुनसान में दिल में तूफान हे...आखिर कब रुकेगा. इक छोटा सा मछर नहीं जवाब जो दीखता नहीं ऐसा वायरस हमे डरा रहा हे.. दे दे बीमारिया मरा रहा हे... फ्री के ऑक्सीजन के लिए भी तरसा रहा हे.. आधुनीकता के चपेट में जीवन बलहीन हे.. रोगप्रतिरोधक शक्ति शिन हे... देसी भोजन ना देसी भक्ति भजन.. रात दिन चिंता में मस्त मगन. फिर से देसी बन जाओ रे.... देसी गांव में देसी देश बसाओ रे.. सब कुछ आधुनिक रखो... बस खान पान रहन सहन देसी लाओ रे.. मत शरमाओ खूब कमायो देश का मन बढ़ायो. पर देशी खेल कूद कसरत भी करता लग जाओ रे... मजबूत बना लो शरीर.. कोरोना को हराओ रे... आयो सब मिल राम धुन गावो रे... हनुमान जी सा सेवा भाव लावो रे... राम बस राम राम गावो रे... जय श्री राम मानश्री ©manohar patidar #jaishreeram