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जब देखो तब भी मतलब हंसने का परिणाम बुरा होता है यह

जब देखो तब भी मतलब हंसने का परिणाम बुरा होता है यह सिद्ध हो गया मेरा मतलब यह सिद्ध हो गया बचपन में बिना मतलब जोर-जोर से हंसने पर नानी दादी ठोक दिया करती थी क्या दी थी कि ऐसा करने पर बाद में बहुत रोना पड़ता है पता नहीं कितने राजनीति की गहरी जानकारी थी या भविष्यवाणी उम्र में 2022 के चुनाव में परिणाम पर इतनी गहरी टिप्पणी बहुत पहले ही कर दी थी जो भी हो लेकिन भेजो है जरा जरा सी बात पर पूर्व जोर काका लगाते हुए भी दो तीन चार बोलने पर भी ऐसा खट्टा करते हैं जैसे कोई बात बहुत बड़ा चुटकुला सुना कर उसके अर्थ भी समझ में गया हूं अब यह लोग बात है कि उनको हंसते देखकर देखने वालों की और उनके हंसने की बात को लेकर हंसी आ जाए शायद उनकी सोच में है पर हंसना भी उनके लिए टीआरपी बढ़ाने पर सहायक होता है बहरहाल बड़े बुजुर्ग कह गए कि जहां चुप रहना चाहिए वहां बोलना ठीक नहीं है और वहां बोलना चाहिए जा चुप रहना ठीक नहीं है लेकिन सियासत के राजकुमार हो कि समाज में यह बात नहीं आ रही है कि आती है अगर दशक बीत जाने पर भी राजकुमार बनकर रहना युवा दिलों की धड़कन में बसे रहना भी एक नशा है वैसे तो राजनीति में सत्ता का नशा होता है लेकिन कुछ खानदानी ऐसे होते हैं जिन्हें अपने परिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि का नशा होता है जिनको ऐसा नशा होता है वह सोचते हैं कि उनके हर एक आदत पर जनता पर मिटने को तैयार बैठी होगी उसे एक अंतराल में भी काफी मजबूत होता है

©Ek villain #ठोक ही दीपाली राजनीति होने

#Holi
जब देखो तब भी मतलब हंसने का परिणाम बुरा होता है यह सिद्ध हो गया मेरा मतलब यह सिद्ध हो गया बचपन में बिना मतलब जोर-जोर से हंसने पर नानी दादी ठोक दिया करती थी क्या दी थी कि ऐसा करने पर बाद में बहुत रोना पड़ता है पता नहीं कितने राजनीति की गहरी जानकारी थी या भविष्यवाणी उम्र में 2022 के चुनाव में परिणाम पर इतनी गहरी टिप्पणी बहुत पहले ही कर दी थी जो भी हो लेकिन भेजो है जरा जरा सी बात पर पूर्व जोर काका लगाते हुए भी दो तीन चार बोलने पर भी ऐसा खट्टा करते हैं जैसे कोई बात बहुत बड़ा चुटकुला सुना कर उसके अर्थ भी समझ में गया हूं अब यह लोग बात है कि उनको हंसते देखकर देखने वालों की और उनके हंसने की बात को लेकर हंसी आ जाए शायद उनकी सोच में है पर हंसना भी उनके लिए टीआरपी बढ़ाने पर सहायक होता है बहरहाल बड़े बुजुर्ग कह गए कि जहां चुप रहना चाहिए वहां बोलना ठीक नहीं है और वहां बोलना चाहिए जा चुप रहना ठीक नहीं है लेकिन सियासत के राजकुमार हो कि समाज में यह बात नहीं आ रही है कि आती है अगर दशक बीत जाने पर भी राजकुमार बनकर रहना युवा दिलों की धड़कन में बसे रहना भी एक नशा है वैसे तो राजनीति में सत्ता का नशा होता है लेकिन कुछ खानदानी ऐसे होते हैं जिन्हें अपने परिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि का नशा होता है जिनको ऐसा नशा होता है वह सोचते हैं कि उनके हर एक आदत पर जनता पर मिटने को तैयार बैठी होगी उसे एक अंतराल में भी काफी मजबूत होता है

©Ek villain #ठोक ही दीपाली राजनीति होने

#Holi
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Ek villain

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