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मैं अकेला हूं शायद, डगर में अब कोई नही है । किधर

मैं अकेला हूं शायद, डगर में अब कोई नही है ।
 किधर जा रहा हूं, फिकर भी अब कोई नही है ।

निकम्मा, आवारा, खुदगर्ज जो कहना है कहो पर याद रहे किस्मत मेरी अभी सोई नही है ।

गुमनाम मंजिल की तलाश में खो गया हूँ शायद मिलेगी नई राह, ये उम्मीद अभी खोई नही हैं ।

मतलब की दुनिया में, थोड़ा दर्द हुआ है मुझे भी, पर बस जरा सी नम हैं, आंखे मेरी अभी रोई नही है।
😐😐😐

©Goldmine
  मैं अकेला हूं शायद
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nojotouser1232151405

Mahi

New Creator

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