Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज उदय दुलारी नेह बताने जा रही है, अवध विश्वविद्या

आज उदय दुलारी नेह बताने जा रही है, अवध विश्वविद्यालय के महिमा की जो बखान है।
सारे जगत से भी प्यारा, हमारे डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की शान है। आज उदय दुलारी नेह बताने जा रही है, अवध विश्वविद्यालय के महिमा की जो बखान है।
सारे जगत से भी प्यारा, हमारे डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की शान है।

नवाबों द्वारा बसाया शहर यही, है ये वही जन्मभूमि जहा जन्म लिए हमारे भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम।
पतित पावनी सरयू तट के किनारे स्थित ये, बहू बेगम का मकबरा, गुलाबबाड़ी सहित और यहां है श्रृंगी ऋषि धाम।।

उत्तर प्रदेश के अवध धाम में स्थित ये, 4 मार्च 1975 को हुआ इसका स्थापना।
25 जुलाई 1975 को सरकार द्वारा, मिला इसे फ़िर विश्वविद्यालय की मान्यता।।
आज उदय दुलारी नेह बताने जा रही है, अवध विश्वविद्यालय के महिमा की जो बखान है।
सारे जगत से भी प्यारा, हमारे डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की शान है। आज उदय दुलारी नेह बताने जा रही है, अवध विश्वविद्यालय के महिमा की जो बखान है।
सारे जगत से भी प्यारा, हमारे डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की शान है।

नवाबों द्वारा बसाया शहर यही, है ये वही जन्मभूमि जहा जन्म लिए हमारे भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम।
पतित पावनी सरयू तट के किनारे स्थित ये, बहू बेगम का मकबरा, गुलाबबाड़ी सहित और यहां है श्रृंगी ऋषि धाम।।

उत्तर प्रदेश के अवध धाम में स्थित ये, 4 मार्च 1975 को हुआ इसका स्थापना।
25 जुलाई 1975 को सरकार द्वारा, मिला इसे फ़िर विश्वविद्यालय की मान्यता।।