मनुष्य सामान्य रूप से एक सामाजिक प्राणी हैं l वह जिस भी समाज का अंग होता है, जो अपने परिवार को उसी के अनुरूप ढाल लेता है या यूं कहें कि जैसे कई तरह के पारंपरिक रीतियां_रिवाज धार्मिक त्योहारों संबंधी कृत्यों को अंगीकार करने लगता है, कहा जाता है कि मनुष्य अपने जिस व्यवहार को समाज द्वारा सीखता है उसे ही संस्कृति कहा जाता है everyone guys watching for thanks. ©cm verma motivational author #Smile