मैं अपने इश्क को अब आजमाना चाहता हूं ! जो बुझ गया था दिल उसको जलाना चाहता हूं ! मेरी रुसवाई के किस्से बताएं उसने यारों को, यही दोनों का है किरदार बताना चाहता हूं ! मेरी खामोशी को तुम कमजोरी ना समझ लेना, मैं दरिया हूं ! बड़ा खामोश रहना चाहता हूं ! वह कर रहा था हर एक बात अपने मतलब से, मैं पागल हूं जो हर एक नाज उठाना चाहता हूं! बहुत तू देर से समझा मगर समझा तो तू "परवेज", मैं तुझे हसीनाओं की जुल्फों से बचाना चाहता हूं ! W₹!tten By:-Pa₹vej Sab₹! ©ILuvMyPast #ViralGhazal #PID #Dhokha😞 #AWritersStory Ambika Jha afzal Sanjay Tiwari "Shaagil" Golden Navbharat