अंतदृष्टि के जागृत होने पर नई ज्योति मिलती है इस ज्योति की अनेक किरणे चारों और फूट पड़ती है मनुष्य आलोक से भर जाता है अंधकार के सारे बिम्ब समाप्त हो जाते हैं उस व्यक्ति को कोई समस्या और उलझन प्रतीत नहीं होती वह सर्वत्र समाधान ही समाधान देखता है इसलिए आत्मा और शरीर के भेद को समझना चाहिए... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #सूत्र