हसरतें तो बहुत हैं, उन्हें किसे जाके सुनायें अब तो लगता है इस दुनिया में हम कहीं तन्हा रह ना जायें सोचा था हमारी चुप्पी समझेंगे वो वो ना समझे, अपना हाल-ए-दिल हम कैसे उन्हें सुनायें हमको तवज्जो उन्होंने ना दी कभी तो बेहतर है कि हम अब कुछ ना बोलें, खामोश हम हो जायें 🔴 "दोस्तों आप लोग कोल्लब (COLLAB) करने से पहले कैप्शन जरूर पढ़ लें" 🔴 "आज के प्रतियोगिता का टॉपिक "हसरतें तो बहुत है" जो, Sasmita Nayak जी ने दिया है! 🔴 " इस प्रतियोगिता का समय सीमा आज रात्रि 12:00