नज़रों को बचाकर निकल जाते होगे, जब कभी अनजाने में टकराते होगे, चलो मानते है, नाराजगी तुम्हे उससे होगी, रूठने मनाने के सिलसिले से तंग बेशक हो गए होगे, पर खबर उसके हर पल की भी तो रखते होगे| @रुचि झा #नाराजगी