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तेरी अना ने खुद को यूं इस तरह फना किया ना तू किसी

तेरी अना ने खुद को यूं इस तरह फना किया
ना तू किसी की हो सकी ना मैं किसी को चुन सका

शहर भर में ढोल और नगाड़ों की ही गूंज थी
फिर यूं हुआ कि उसने मुझको शहर भर रुसवा किया

हर सम्त उसका शोर था हुस्न ए अना का जोर था
मैं फिर गिरा तो दाग़ था कि मेने ही दगा किया

ये झूठ था ये सच नहीं ये झूटों से पता चला
हर हाल मुझको चाहती है उसने ही बता दिया

झुकना तेरा मक़सद नहीं तो मेरा भी तो हक़ है ये
गिला नहीं खफा नही की वो मुझे मिला नही

©Irfan Saeed
  तेरी अना ने खुद को
अना (तकव्वुर, घमंड )
सम्त (चारो ओर)
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 Arshad Siddiqui Mukesh Poonia R Ojha Internet Jockey Yogendra Ji Nath
irfansaeedfitnes6689

Irfan Saeed

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तेरी अना ने खुद को अना (तकव्वुर, घमंड ) सम्त (चारो ओर) #shayri #Shayari #Khyal #sunrisesunset @Arshad Siddiqui @Mukesh Poonia R Ojha @Internet Jockey Yogendra Ji Nath

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