वो हर एक बात.. जो हमने तुमसे कहनी चाहिये; वो बात कभी हम कह न पाये! कैसे कहें हम तुम ही बता दो हमें! हम तो वही कहने के इंतजार में थे! तुमने ही हमसे बहुत दुरिया बढ़ा ली! हमने और चाहा ही क्या था तुमसे.. बस एक दोस्त का प्यार भरा साथ; जो तुम हमसे कमीट भी न कर पाये! मन बहुत था अब तुमसे मिलने का.. पर तुम हमें कभी समझ ही न पाये! इश्क की खुमारी दिल पर छाई थी; बस यही बात हमारी जुबा पर न आयी थी! समझाना चाहा था हमने बहुत तुम्हें; पर वफा की राह में हम प्यार तो दूर रहा; हम हमसखा दोस्त भी न बन पाये! ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ मोनिका जयेश शाह ©Monika Shah वो हर एक बात.. जो हमने तुमसे कहनी चाहिये; वो बात कभी हम कह न पाये! कैसे कहें हम तुम ही बता दो हमें! हम तो वही कहने के इंतजार में थे! तुमने ही हमसे बहुत दुरिया बढ़ा ली! हमने और चाहा ही क्या था तुमसे.. बस एक दोस्त का प्यार भरा साथ;