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कुछ कोरे पड़े कागज़ों पर, दर्द बरस रहा है झलक भर क

कुछ कोरे पड़े कागज़ों पर, दर्द बरस रहा है
झलक भर को उनकी, एक दिल तरस रहा है

वो अन्जां से होकर मशगूल हैं दूर शहर में,
इधर पल भर भी किसी के लिए, बरस रहा है

मन को क्यूँ भाती हैं रातें ये बंद कमरों की
गहराई कोई मापे तो इन तकियों के समंदरों की
होठों पर शायरियाँ हैं, जाम अब बेअसर हुए
बेवफाओं को खबर क्या हो..! इश्क़ के धुरंधरों की

क्या सुरूर ए इश्क़ है यह, या पी कोई चरस रहा‌ है..!
नीरस सी ज़िंदगी है, पर लिख कोई सरस रहा है
वो अन्जां से होकर मशगूल हैं कहीं दूर शहर में,
इधर पल भर‌‌ भी किसी के लिए, बरस रहा है

झलक भर को उनकी, कोई दिल तरस रहा है
कुछ कोरे पड़े कागज़ों पर दर्द बरस रहा है

©Bhuwnesh Joshi बारिश...

#barish #bhuwnesh #Hindi #Shayar #Shayari #writer #nojotowriters #Broken #Heart #nazm
कुछ कोरे पड़े कागज़ों पर, दर्द बरस रहा है
झलक भर को उनकी, एक दिल तरस रहा है

वो अन्जां से होकर मशगूल हैं दूर शहर में,
इधर पल भर भी किसी के लिए, बरस रहा है

मन को क्यूँ भाती हैं रातें ये बंद कमरों की
गहराई कोई मापे तो इन तकियों के समंदरों की
होठों पर शायरियाँ हैं, जाम अब बेअसर हुए
बेवफाओं को खबर क्या हो..! इश्क़ के धुरंधरों की

क्या सुरूर ए इश्क़ है यह, या पी कोई चरस रहा‌ है..!
नीरस सी ज़िंदगी है, पर लिख कोई सरस रहा है
वो अन्जां से होकर मशगूल हैं कहीं दूर शहर में,
इधर पल भर‌‌ भी किसी के लिए, बरस रहा है

झलक भर को उनकी, कोई दिल तरस रहा है
कुछ कोरे पड़े कागज़ों पर दर्द बरस रहा है

©Bhuwnesh Joshi बारिश...

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