एक बार हार जाना हैं, फ़िर मौक़े की तलाश होंगी 🖋️ एक बार हार जाना हैं, फिर मौक़े की तलाश होंगी.. फिर से शीतल रात और अश्कों की बहार होंगी.. फिर से हारी हिम्मत और, सहमी सी औकात होंगी.. एक बार हार जाना हैं, फ़िर मौक़े की तलाश होंगी.. सूखे अश्कों के निशान और आंखों में जुनून सवार होंगी.. फ़िर थोड़ी सी मेहनत से, हिम्मत हौसियार होंगी.. एक बार हार जाना हैं, फ़िर मौक़े की तलाश होंगी.. फ़िर दिलो ज़हन की टक्कर में, वक्त की रेत बर्बाद होंगी.. फ़िर हारी हुई बांजी को, हैसियत की ललकार होंगी.. एक बार हार जाना हैं, फ़िर मौक़े की तलाश होंगी..। ©Devrajsolanki #devrajsolanki #poem #कविता #Nojoto #candle