गुजरते लम्हों से अब न कोई गिला है, तुझसे मिलना अब एक सिलसिला है। यह यादें न होती तो क्या होता 'अनाम' इनसे भी लगता कोई अपना मिला है। — % & #shamaurtanhai #53/365 #365days365quotes #guzarte #lamhe #khawab #apna #silsila