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जाने क्यों बैचैन सा ये दिल आज पूरी रात है। लगता

 
जाने क्यों बैचैन सा ये दिल आज पूरी रात है।
लगता है इसे भी चुभी किसी की,कोई बात है।

आंखों से आंसू बहते रहे किसके लिए आज,
जाने क्यों.... उलझे से आज मेरे जज़्बात है।
 
सब कुछ सही तो लग रहा है,मगर फिर भी,
दिल की बैचैनी बता रही,हुई कुछ तो बात है।

©Vandana Malav
   
जाने क्यों बैचैन सा ये दिल आज पूरी रात है।
लगता है इसे भी चुभी किसी की,कोई बात है।

आंखों से आंसू बहते रहे किसके लिए आज,
जाने क्यों.... उलझे से आज मेरे जज़्बात है।
 
सब कुछ सही तो लग रहा है,मगर फिर भी,

जाने क्यों बैचैन सा ये दिल आज पूरी रात है। लगता है इसे भी चुभी किसी की,कोई बात है। आंखों से आंसू बहते रहे किसके लिए आज, जाने क्यों.... उलझे से आज मेरे जज़्बात है। सब कुछ सही तो लग रहा है,मगर फिर भी, #कविता

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