एक रास्ता ऐसा भी था कांटों से भरा हुआ एक रास्ता ऐसा भी था फूलों से लदा पड़ा मैं चलता रहा अंदर से कभी तड़पता हुआ दिल से कभी चहकता हुआ कभी कांटो पर कभी फूलों के बीच कभी राहों ने तन्हा छोड़ दिया कभी मंज़िलों ने अपनी तरफ मोड़ लिया! चलना था ,चलता ही रहा... रास्तों पर तन्हा था दिल में मग़र एक सपना था दूर था बहोत खड़ा हाथों को फैलाये कोई अपना था। मिलना था उससे! गुमाँ नहीं मग़र वक़्त मेरा, कितना था एक रास्ता ऐसा भी था एक रास्ता ऐसा भी था।। ✍️✍️मुर्तज़ा एक रास्ता ऐसा भी था... #एकरास्ता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi