बारिश की बूंदे जो ना पड़ी थी वहां बरसों तक सूखेपन को ही हमसफ़र बना लिया था उसने जैसे धूप में तपती, उबलती सी सड़क हो कोई जैसे भूख से मचलती, उछलती सी तड़प हो कोई सूखेपन से जो सुकून जुड़ गया था उसका हल्की-फुल्की बारिश से भी मन मुड़ गया था उसका आदत जो हुई थी इस खालीपन में रहने की मन तो था अब किसी बाढ़ में बहने की! विचार किसी और के हैं, शब्द हमारे है😁 #yqbaba #yqdidi #yopowrimo #yqdada #malang