जिस माटी में इत्र की खुशबू थी वो माटी तेजाब बन ही गयी क्यू धर्म के मोहल्ले की दीवारे खून से लथपथ सन ही गयी कब तक केंडल जलाओगे ये मोम यूँही पिघल जायेगा कोई वेहसि दरिंदा किसी नाजुक परी को पल में ही निगल जायेगा ये गीदड़ क्यू है जन्म है लेते इस पावन सी धरती पर हर रोज कुकर्म कर कर के ये फुल चढाते हैं लोकतंत्र की अर्थी पर मेरी राजदुलारी ट्विंकल क्या तुझको मेरी हर बात जो याद रही तुझ पर क्या गुजरी क्या बीती क्या तेरी हालत है रही तेरे खून से लथपथ कम्बल चीख चीख कर कहे तुझे छुआ केसे उस पापी ने क्या उस कातिल की ओकात रही #NojotoQuote twinkle