चांद ने आकर कहा, खूबसूरत है तेरा हम सफर। मासूम सी नजरें है उसकी, प्रेम में भीगे अधर।। हमने कहा फिर चांद से , थोड़ा तो सच अब बोलिए। आप अपनी परछाई से, मत मेरे हमसफर को तौलिए।। हमने कहा अक्स तेरा, पड़ गया होगा किसी पहर। इसलिए लगता है तुझको, खूबसूरत मेरा हमसफर।। --- रमाकान्त श्रीवास