ऐसी हो जाये किसी से मुलाकात जो निभाये सात जन्म का साथ मेरी ख़ुशी को समझे वो अपनी ख़ुशी ग़म में भी थामे वो आकर मेरा हाथ मेरी शायरी पढ़कर जान जाए जो क्या है मेरी सोच क्या है मेरे जज़्बात हर एक जन्म में वो बस मेरे सँग ही हो हर जन्म में बन जाये फिर मेरी हसीन बात। 🎀 Challenge-234 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।