जो बीत क्या उस पर दुख कैसा, सपनो में खुश होना वो सुख कैसा l शब्द ही मिश्री और शब्द ही करेला है, सदा की कड़वा बोले वो मुख कैसा l ©Kavi Kapil Gupta #sunflower #dESHIPOETRY #Life #bolbachan #Mithas