किस रास्ते है जाना, खून का गारा बना,ईंट जिसमें हड्डियां ये ख्यालों में टिका,ये ख्याले आसमाँ मौत की पुरजोर आंधी,जिस समय टकराएगी याद रखना ये ईमारत ख़ाक में मिल जायेगी।। सैर करने हम चले,दिल में मेरे अरमान थे एक तरफ थी झाड़ियां,एक तरफ शमशान थे एक हड्डी पैर से कुचली,जिसके कुछ बयान थे ऐ मुसाफ़िर संभल कर चल,हम भी कभी इंसान थे @ Pratibha Tiwari(smile)🙂 #jindgikihaqeeqat