बिन तेरे अधूरी हर नज़्म रही बिन तेरे वीरानी हर बज़्म रही तुम आओ तो फूलों की हर कली महकें तुम जो आओ तो रौनक ए गली लौटे - Sumit kr.gupta #Raunakain🌌🌌