देखा हैं मैंने एक सपना, पूरा करूँगी नींद चैन गवां कर, जुनून की जंजीर अब सख्त हो चुकी पा लूँगी इसे तोड़कर। शत प्रतिशत सच हैं सपनों की राह बड़ी नही तेरी चाह बड़ी हैं, एक बार मन मे ठान के तो देख तेरी मंजिल तेरे पास खड़ी हैं। मन ने अब ठान लिया तो पा लूँगी अचल पर्वत चीरकर, कंकड पत्थर भरी राहों में चलना हैं अब इन पर चलकर। हौसले हो अगर बुलंद तो मिटती नहीं हस्ती बाजीगर की, तेज आँखों मे हो,मनोबल हो सूखती नहीं मिट्टी मरुधर की।।। OPEN FOR COLLAB ✓challenge by ias guideline Ias guideline में आपका स्वागत है🙏 ✨हमेशा रचनात्मक और अधिक लिखने की कोशिश करें