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अंतर्मन से पल पल प्रतिपल ज्ञान की असीमित धारा हृद

अंतर्मन से

पल पल प्रतिपल ज्ञान की असीमित धारा
हृदय और चेतनता पर करती है...
एक स्पंदन और प्रहार
कौन हूं मैं??? क्या है अस्तित्व मेरा??
जिसे अपना कहा... अपना बनाया...
एक पल में सब शून्य था हो गया

अंतर्मन से पल पल प्रतिपल ज्ञान की असीमित धारा हृदय और चेतनता पर करती है... एक स्पंदन और प्रहार कौन हूं मैं??? क्या है अस्तित्व मेरा?? जिसे अपना कहा... अपना बनाया... एक पल में सब शून्य था हो गया #LoveStrings

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