उनके मोहब्बत में कुछ अलग सी कशिश है! उसने ना मुझे देखा ना छुआ फिर भी तपिश है! मेरी तारीफ़ हमेशा मेरी सादगी पर की उन्होंने, ना आँखों में काजल ना पायल ना कानो में बाली है! जी-जाँ लगाते है मुझसे बाते करने को, वरना हमारी बाते कहा रोज़ हो पाती है! हमारे मिलन के जतन में लगे रहते आख़िर, मुलाकात भी तो पहली है! मेरे एक मुस्कान पर निसार रहता उनका हर एक अक्स! बहुत खूबसूरत आवाज़ और बहुत ही अलग है वो शख्स! मुझे भी मोहब्बत बेहिसाब हुआ प्यार क्या है ये एहसास हुआ है! खुशनसीबी है मेरी वो शख्स मेरी ज़िंदगी में है, हाँ मैं प्यार पहला तो नहीं मगर कहते है वो, प्यार हुआ नहीं इसबार प्यार उन्होंने किया है, रूह में मुझे बसाया है अपना जहां मुझे बनाया है! ♥️ Challenge-624 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।