मन में जिसके शिव , होंठों पर राम है उसकी हर मुश्किल , हर राह आसान हैं बैरागी जैसा जीवन उनका , माथे पर चमकता चाँद है कैलाश पर रहते वोह , नीलकंठ जिनका अभिमान हैं जाटाओं में बहती वफ़ाएं उनकी , पार्वती का वोह गुमान है जिनकी वजह से प्यार का , नया रूप नया नाम हैं हर जन्म जिन्होंने किया , एक दूसरे का इंतज़ार है हर इंसान को सिखाया , करना वफ़ा का इज़हार हैं काल को घूमते उंगलियों पर जो , महाकाल उनका नाम है महादेव और माता पार्वती के चरणों में , मेरा शत् शत् प्रणाम हैं 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji शव हूँ मैं भी शिव बिना शव में शिव का वास है शिव है मेरे आराध्य और मेरा हर अंग शिव का दास हैं