यूं पास है फिर दूरियां क्यों साथ है लेकिन मजबूरियां से क्यों कुछ वक़्त ही तो मांगा है जब खालीपन से भरे हो तो शोर क्यों माना ख्वाहिशें सबको रुला देती है सपनों और अपनों में फिर दूरियां क्यों चलो मान लेते है तुम्हारे पास वक्त नहीं आंखों में आसूं आते है तो जज़्बात दिखाते क्यों नहीं मुझे तो शौक है अपनों के बीच रहने का इतना ही अपना कहते हो तो बिना अल्फाजों के समझ पाते क्यों नहीं,,, #binAlfaazBhiSmjho #poetrylover#thanksNojoto #thanksforsupupportguys #sadpoterys . #thekhushidhangar