घुट रहा हूँ मैं अन्दर ही अन्दर बहा न ले जाये ग़मों का समन्दर टुकड़े भर ज़मीं को हैं बेताब सब दुनिया जीत ख़ाली हाथ गया सिकन्दर #nojoto