तो साथ होते है कुछ शाम सी ढलती अधूरी ख्वाहिशों के डूबते सूरज... पुरानी बावड़ी में नहाते और झूलते नीम के नीचे खिलते बचपन... काम से घर की ओर लौटती जवानी बसों और ट्रेनों से देखते हुए डूबते सूरज और उस बचपन को.... शाम और हम #शामऔरहम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #thirdquote