कंकर भरे और खाली रस्ते कर्कश, दोनों और मगर ताली पीटते दर्शक, मनोरंजन है मेरा गिरना-उठना भी, जिंदगी बस यही है,बस कहना नहीं, एक बादल बेचारा,हो गया था आवारा, सूखे खेतों का बन गया आँखों का तारा, जाने कब बरसेगा फिरता-छुपना भी, जिंदगी बस यही है,बस कहना नहीं, हवाओं का भी अलग सा ही एक जोर है, खिड़कियाँ बंद,यह मेहमान कोई और है, देखा है तुफानों का फितना-झुकना भी, जिंदगी बस यही है,बस कहना नहीं, हर दिन अगर नया है,तो फिर क्या है नया, एक कहानी जिसमें ना थी खुशी ना सदमा, कागज नया,कहानी लिखना-मुकना भी, जिंदगी बस यही है,बस कहना नहीं ।। #yqdidi #hindi #life #hindipoetry #yqbhaijan #casual