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बिजली बन कर चमकती मेरे मन की आग। आहें मेरी बन गईं

बिजली बन कर चमकती मेरे मन की आग।
आहें मेरी बन गईं न्यारे-न्यारे राग।।
सावन की भीगी है रात, 
सखी सुन री मेरी तू बात।
है नैनों में आँसुओं की धार, 
जिया न लागे हमार #gif बरसात के दिन आये मुलाकत के दिन आये
बिजली बन कर चमकती मेरे मन की आग।
आहें मेरी बन गईं न्यारे-न्यारे राग।।
सावन की भीगी है रात, 
सखी सुन री मेरी तू बात।
है नैनों में आँसुओं की धार, 
जिया न लागे हमार #gif बरसात के दिन आये मुलाकत के दिन आये
abdulhakim7332

Abdul Hakim

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