बहुत से भी बहुत ही व्यस्त अब सारे नज़ारे हो गए हैं, अर्श और जमीं क्या गोया ख़ुद ही में तारे खो गए हैं , शादाब की रही कमी, कहीं ज़माने को वहम तो नहीं, हुए जब से सब बेग़ाने "हृदय" हम तो हमारे हो गए हैं... -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" अपने व्यस्तता वाले समय में भी कलम थामना...ये एक लत ही तो है🙏😅 #BooksBestFriends #oct 14th, 2021 @09:28 am #rekhasharma #मंजुलाहृदय #ए_ज़िंदगी