लफ्जों का इजहार किया न उनसे ,आंखों से इकरार करते रहे । जानते थे शायद की घायल हु उनकी अदा से ,इसीलिए वो वार पे वार करते रहे । कह दिया था उन्होंने अलविदा कब का और ,हम इन्तेजार करते रहे । सहा ये सब सोच कर की मासूम है वो ,पर वो मेरी बुझ दिली के किस्से सरे बाजार आम करतेे रहे । #ikrar