अगर बेज़ुबान और मासूम जानवरों को जीने का हक नहीं है तो हम जैसे इंसानी जानवरों को जीने का हक किसने दिया एक टुकड़े से हम उनकी ज़िन्दगी का सौदा कर देते है जैसे उनकी ज़िन्दगी के मालिक हो हम... एक टुकड़े से वो ज़िन्दगी भर के ग़ुलाम हो जाते है, वफ़ादार हो जाते है और हम उन्हें क्या देते है, एक निवाला फ़िर ज़िन्दगी और मौत का दर्द... क्या गाय, क्या कुत्ते, क्या हाथी, क्या घोड़े हम इंसानों ने किसी को नहीं छोड़ा ना... प्रकृति को नहीं... और ख़ुद ज़ीने की आश रखते है... savideep #nojoto#hindi#प्यार #ka#दिखावा