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जब से पनाह मिली है, तेरी चाहों में नहीं दिखता हमे

जब से पनाह मिली है,
तेरी चाहों में 
नहीं दिखता हमें और कुछ,
जबसे तू बसा है,
हमारी आँखों में 
तूने बाहों में अपनी,
समेटा हमें ऐसे 
अब तेरे ही सपने,
देखते हैं हम रातों में  नमस्कार दोस्तों 🙏🏻 मैं Atika Singh 
IconicQuote( Jazbaat-e-dil ) में आप सभी का हार्दिक स्वागत करती हूं।🙏🏻 

आज की प्रतियोगिता का विषय है.
(गुमशुदा तेरी बाहों में )

नये दिन की शुरुआत एक नये विषय के साथ❤️
जब से पनाह मिली है,
तेरी चाहों में 
नहीं दिखता हमें और कुछ,
जबसे तू बसा है,
हमारी आँखों में 
तूने बाहों में अपनी,
समेटा हमें ऐसे 
अब तेरे ही सपने,
देखते हैं हम रातों में  नमस्कार दोस्तों 🙏🏻 मैं Atika Singh 
IconicQuote( Jazbaat-e-dil ) में आप सभी का हार्दिक स्वागत करती हूं।🙏🏻 

आज की प्रतियोगिता का विषय है.
(गुमशुदा तेरी बाहों में )

नये दिन की शुरुआत एक नये विषय के साथ❤️
poonamsuyal2290

Poonam Suyal

Bronze Star
Growing Creator