डाल नहीं हो पर्वत हो बस यूँही बढ़ते जाइये कदम बढ़ा प्रण लेकर आप ही को आजमाइये दुनियां रोकेगी तुमको समय नहीं कहेगा कुछ वक्त की सुईयों की भांति मद्धम पर बढ़ते जाइये कोहरा भी रास्ते में होगा होंगे कभी घने काले बादल प्रकृति नियति जान कर विषमता से लड़ते जाइये डाल नहीं हो पर्वत हो बस यूँही बढ़ते जाइये #डाल नहीं हो पर्वत हो बस यूँही बढ़ते जाइये #कदम बढ़ा प्रण लेकर आप ही को आजमाइये दुनियां रोकेगी तुमको समय नहीं कहेगा कुछ