सब्र करो, संघर्ष का फल जरूर मिलता है देर से ही सही, लेकिन हर रोज़, सूरज जरूर निकलता है न कर अफसोस प्यारे जीवन चक्र यूँ ही चलता है एक दिन अवश्य सबका वक़्त बदलता है वक़्त अगर सही न हो तो यां अपना अपने को छलता है ढ़ल जाने के पश्चात भी हर रोज़ सूरज निकलता है प्रयासरत रहने पर ही तो फसलों का रंग बदलता है न कर अफ़सोस प्यारे जीवन चक्र यूँ ही चलता है हार न माने जीवन मे जो वो इतिहास बदलता है कांटो से सुसज्जित पथ को भी फूलों में वो बदलता है सहासी,दृढ़ संकल्पी ही इतिहास बदलता है न कर अफ़सोस प्यारे जीवन चक्र यूँ ही चलता है। ©Bhupendra Rawat सब्र करो, संघर्ष का फल जरूर मिलता है देर से ही सही, लेकिन हर रोज़, सूरज जरूर निकलता है न कर अफसोस प्यारे जीवन चक्र यूँ ही चलता है एक दिन अवश्य सबका वक़्त बदलता है