इश्क मेरा इश्क मेरा खुदा मेरी इबादत है, मेरे इश्क की जुदा हर एक आदत है। मेरा इश्क मेरे लिए खुदा की रहमत है, मेरा इश्क़ मेरे लिए बरकत ही बरकत है। खुदा ने जो पूरी की वो मेरी मन्नत है, मेरे इश्क से ही मेरी जिंदगी जन्नत है। मेरे इश्क से जीवन में मेरी खुशियां हैं, मेरे इश्क से ही मेरी सारी दुनियां है। इश्क का सजदा हम दिन रात करते हैं, इश्क खुदा ने जो बक्शी वो नैमत है। इश्क पर हम जान निसार करते हैं, ऐ मेरे इश्क़ हम तुझे बहुत प्यार करते हैं। इश्क की दुनियां के अब हम बादशाह हैं,इश्क की दुनियां के हम शहंशाह हैं। इश्क की खातिर ही तो हम यहां जिंदा हैं, इश्क़ से ही तो हम हमारी जिंदगी है। -"Ek Soch" # इश्क #साहित्य सहायक