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कहां गए उसूल तुम्हारे, कहां तुम्हारा धर्म है बाला

कहां गए उसूल तुम्हारे,
कहां तुम्हारा धर्म है
बाला साहेब के पुत्र होकर,
ऐसा तुम्हारा कर्म है
और कैसे शिव हो, कैसे सैनिक
एक महिला ने तुम्हें निचोड़ दिया
उद्धव ये तुमने किससे नाता जोड़ लिया।

कर लो मनमानी अपनी 
किन्तु याद रखो उद्धव इतना,
घड़ा तुम्हारे पाप का एक दिन अवश्य ही फूटेगा
निज स्वार्थ का नाता तेरा एक दिन अवश्य ही टूटेगा
और गुरूर पिता का अपने,
आज तुमने ही तो तोड़ दिया 
उद्धव ये तुमने किससे नाता जोड़ लिया।
             -Neeraj Binauli #we_support_kangna
#uddhav_thakre #poetry
#उद्धव_ये_तुमने_किससे_नाता_जोड़_लिया
कहां गए उसूल तुम्हारे,
कहां तुम्हारा धर्म है
बाला साहेब के पुत्र होकर,
ऐसा तुम्हारा कर्म है
और कैसे शिव हो, कैसे सैनिक
एक महिला ने तुम्हें निचोड़ दिया
उद्धव ये तुमने किससे नाता जोड़ लिया।

कर लो मनमानी अपनी 
किन्तु याद रखो उद्धव इतना,
घड़ा तुम्हारे पाप का एक दिन अवश्य ही फूटेगा
निज स्वार्थ का नाता तेरा एक दिन अवश्य ही टूटेगा
और गुरूर पिता का अपने,
आज तुमने ही तो तोड़ दिया 
उद्धव ये तुमने किससे नाता जोड़ लिया।
             -Neeraj Binauli #we_support_kangna
#uddhav_thakre #poetry
#उद्धव_ये_तुमने_किससे_नाता_जोड़_लिया