Nojoto: Largest Storytelling Platform

वाह वाह याद आया वो ज़माना पापा की साइकिल पर आगे बि

वाह वाह याद आया वो ज़माना
पापा की साइकिल पर आगे बिठा
                                पापा का हमे स्कूल तकपहुंचाना                                 
                                    वाह वाह याद आया वो ज़माना                                       
                             सांझ तले जब टॉफी का थैला टांगे
                               जब आफिस से पापा का घर आना 
                                       वाह वाह याद आया वो ज़माना        
 जब ज़रा सी चोट लगीं कि तभी                                   
घबरा कर डॉक्टर के पास ले जाना                               
वाह वाह याद आया वो ज़माना                                 
                                          कॉलोनी में ट्रिंग ट्रिंग की आवाज
                                             चाहें डॉक्टर अंकल की साइकिल
                                               या पापा की साईकिल की सवारी
                                            याद आया वो साईकिल काज़माना
साईकिल का तो सदा रहा था                                           
 सदा रहा है सदा रहेगा ज़माना                                          
अरे भाई हम इतने बूढ़े भी नहीं                                       
जिक्र सिर्फ पेत्तिस साल पुराना                                      
                                  कोई जिक्र नहीं हो बचपन से या जवानी का     
                            नाता गहरा और चाहें नया हों या पुराना
                                        वाह वाह याद आया वो ज़माना

©Chandrawati Murlidhar Gaur  Sharma कैप्शन में पढ़े, कोई नहींअछूता इससे ये मात्र साईकिल नहीं ये सबके जीवन का हिस्सा है, हर इंसान के पास इसका नया पुराना किस्सा है

#Bicycle #Nojoto❤❤  Vivek...... सत्य Pushpvritiya  Gattu Baba Gayatri Zade  kiran kee kalam se
वाह वाह याद आया वो ज़माना
पापा की साइकिल पर आगे बिठा
                                पापा का हमे स्कूल तकपहुंचाना                                 
                                    वाह वाह याद आया वो ज़माना                                       
                             सांझ तले जब टॉफी का थैला टांगे
                               जब आफिस से पापा का घर आना 
                                       वाह वाह याद आया वो ज़माना        
 जब ज़रा सी चोट लगीं कि तभी                                   
घबरा कर डॉक्टर के पास ले जाना                               
वाह वाह याद आया वो ज़माना                                 
                                          कॉलोनी में ट्रिंग ट्रिंग की आवाज
                                             चाहें डॉक्टर अंकल की साइकिल
                                               या पापा की साईकिल की सवारी
                                            याद आया वो साईकिल काज़माना
साईकिल का तो सदा रहा था                                           
 सदा रहा है सदा रहेगा ज़माना                                          
अरे भाई हम इतने बूढ़े भी नहीं                                       
जिक्र सिर्फ पेत्तिस साल पुराना                                      
                                  कोई जिक्र नहीं हो बचपन से या जवानी का     
                            नाता गहरा और चाहें नया हों या पुराना
                                        वाह वाह याद आया वो ज़माना

©Chandrawati Murlidhar Gaur  Sharma कैप्शन में पढ़े, कोई नहींअछूता इससे ये मात्र साईकिल नहीं ये सबके जीवन का हिस्सा है, हर इंसान के पास इसका नया पुराना किस्सा है

#Bicycle #Nojoto❤❤  Vivek...... सत्य Pushpvritiya  Gattu Baba Gayatri Zade  kiran kee kalam se

कैप्शन में पढ़े, कोई नहींअछूता इससे ये मात्र साईकिल नहीं ये सबके जीवन का हिस्सा है, हर इंसान के पास इसका नया पुराना किस्सा है #Bicycle #❤❤ Vivek...... सत्य Pushpvritiya Gattu Baba Gayatri Zade kiran kee kalam se #Nojoto❤❤