💌 यूं तो कोई कमी नहीं जिंदगी में,
मगर फिर भी कभी कभार याद आ ही जाते हो तुम,
जब भी देखती हूं पर्दे पर चलचित्र, वो कहानियां जो मिलती हैं हमारी कहानी से,
हमारा मिलना भी किसी कहानी सा ही तो था, कब सोचा था मैंने कि मेरे ख़्याल यूं हकीकत बन मिल जाएंगे मुझे हकीकत में, तुम्हारे लिखावटों की स्याही इस कदर दिल पर अपना रंग छोड़ जाएगी कहां सोचा था मैंने.........
मैं जब भी कोई प्रेम कहानी देखती हूं तो जाने कहां से चले आते हो तुम यूं कि जैसे वो कहानी हमारे तुम्हारे दरमियान घटित हो रही है......
मैं पूरी तरह आज में ढल चुकी हूं मगर सहसा ही तेरा याद आ जाना अचरज में डाल देता है..... जाने क्यूं ठहरे हो तुम अब भी इन चलती सांसों के दरमियान राग बनके!!
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