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चंद लम्हों में ही जन्नत नसीब हो, नशा छीन लेता है म

चंद लम्हों में ही जन्नत नसीब हो,
नशा छीन लेता है मुझसे होश मेरा। मानव जीवन मनुष्य की कल्पनाओं जितना कभी सरल नहीं रहा। चाहे वह एक धनवान व्यक्ति हो अथवा एक गरीब मेहनत मजदूरी करने वाला, सभी को अपने जीवन मे संघर्ष करना चाहती ही पड़ता है। उसके जीवन में तमाम तरह की चिंताएं घेर लेती हैं। हमारे देश के युवाओं पर भी यही बात लागू होती हैं।

आज का युवा एक ज़िम्मेदार, अपने भविष्य के प्रति सचेत, और इस देश की तरक्की में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाला है। उसके जीवन पर अनेक प्रकार की ज़िम्मेदारियाँ भार बन कर खड़ी हैं। हमारा युवा अतिमहत्वाकांक्षी भी हो गया है। उसे ज़िंदगी के संघर्षों से परहेज है। वह अपने जीवन के तनाव को कम करने के लिए नशे का सहारा लेने लगा है। यह जानते हुए भी कि नशा उनके जीवन और व्यक्तित्व को पूरी तरह नष्ट कर सकता है, युवा इसकी ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।

आजकल युवाओं में जिस नशे की लत देखी जाती है वो है शराब और सिगरेट। हालांकि इसके सेवन का प्रचलन बहुत पहले से अपनी संपन्नता प्रदर्शित करने के लिए है, किंतु हाल के दशकों में इसके प्रचलन में अत्यधिक वृद्धि हुई है। अब इसका सेवन जीवन का एक सामान्य अंग मानकर किया जाने लगा है। 

अवसर चाहे किसी खुशी का हो या ऑफिस के काम का तनाव, आजकल शराब पीने के लिए हमारे पास तमाम वजह मौजूद हैं। छोटे छोटे गाँवों में कच्ची शराब के सेवन से होने वाली मृत्यु दर लगातार बढ़ती जा रही हैं। कहा जा सकता है कि शराब के नशे में हम अपनी जिंदगी का सुकून ढूंढ़ने के आदी हो गए हैं।
चंद लम्हों में ही जन्नत नसीब हो,
नशा छीन लेता है मुझसे होश मेरा। मानव जीवन मनुष्य की कल्पनाओं जितना कभी सरल नहीं रहा। चाहे वह एक धनवान व्यक्ति हो अथवा एक गरीब मेहनत मजदूरी करने वाला, सभी को अपने जीवन मे संघर्ष करना चाहती ही पड़ता है। उसके जीवन में तमाम तरह की चिंताएं घेर लेती हैं। हमारे देश के युवाओं पर भी यही बात लागू होती हैं।

आज का युवा एक ज़िम्मेदार, अपने भविष्य के प्रति सचेत, और इस देश की तरक्की में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाला है। उसके जीवन पर अनेक प्रकार की ज़िम्मेदारियाँ भार बन कर खड़ी हैं। हमारा युवा अतिमहत्वाकांक्षी भी हो गया है। उसे ज़िंदगी के संघर्षों से परहेज है। वह अपने जीवन के तनाव को कम करने के लिए नशे का सहारा लेने लगा है। यह जानते हुए भी कि नशा उनके जीवन और व्यक्तित्व को पूरी तरह नष्ट कर सकता है, युवा इसकी ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।

आजकल युवाओं में जिस नशे की लत देखी जाती है वो है शराब और सिगरेट। हालांकि इसके सेवन का प्रचलन बहुत पहले से अपनी संपन्नता प्रदर्शित करने के लिए है, किंतु हाल के दशकों में इसके प्रचलन में अत्यधिक वृद्धि हुई है। अब इसका सेवन जीवन का एक सामान्य अंग मानकर किया जाने लगा है। 

अवसर चाहे किसी खुशी का हो या ऑफिस के काम का तनाव, आजकल शराब पीने के लिए हमारे पास तमाम वजह मौजूद हैं। छोटे छोटे गाँवों में कच्ची शराब के सेवन से होने वाली मृत्यु दर लगातार बढ़ती जा रही हैं। कहा जा सकता है कि शराब के नशे में हम अपनी जिंदगी का सुकून ढूंढ़ने के आदी हो गए हैं।
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

मानव जीवन मनुष्य की कल्पनाओं जितना कभी सरल नहीं रहा। चाहे वह एक धनवान व्यक्ति हो अथवा एक गरीब मेहनत मजदूरी करने वाला, सभी को अपने जीवन मे संघर्ष करना चाहती ही पड़ता है। उसके जीवन में तमाम तरह की चिंताएं घेर लेती हैं। हमारे देश के युवाओं पर भी यही बात लागू होती हैं। आज का युवा एक ज़िम्मेदार, अपने भविष्य के प्रति सचेत, और इस देश की तरक्की में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाला है। उसके जीवन पर अनेक प्रकार की ज़िम्मेदारियाँ भार बन कर खड़ी हैं। हमारा युवा अतिमहत्वाकांक्षी भी हो गया है। उसे ज़िंदगी के संघर्षों से परहेज है। वह अपने जीवन के तनाव को कम करने के लिए नशे का सहारा लेने लगा है। यह जानते हुए भी कि नशा उनके जीवन और व्यक्तित्व को पूरी तरह नष्ट कर सकता है, युवा इसकी ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। आजकल युवाओं में जिस नशे की लत देखी जाती है वो है शराब और सिगरेट। हालांकि इसके सेवन का प्रचलन बहुत पहले से अपनी संपन्नता प्रदर्शित करने के लिए है, किंतु हाल के दशकों में इसके प्रचलन में अत्यधिक वृद्धि हुई है। अब इसका सेवन जीवन का एक सामान्य अंग मानकर किया जाने लगा है। अवसर चाहे किसी खुशी का हो या ऑफिस के काम का तनाव, आजकल शराब पीने के लिए हमारे पास तमाम वजह मौजूद हैं। छोटे छोटे गाँवों में कच्ची शराब के सेवन से होने वाली मृत्यु दर लगातार बढ़ती जा रही हैं। कहा जा सकता है कि शराब के नशे में हम अपनी जिंदगी का सुकून ढूंढ़ने के आदी हो गए हैं।