भर दिए सभी पन्ने मैंने तेरे नाम के तेरे न होने के एहसास समझ के कुछ बातें अधूरी रह गईं तेरी मेरी मगर समय आज बेहिसाब है पर अब तू कहाँ साथ है कभी लगता था कि मैं बहुत अजीब हूँ सिर्फ तेरे ही ख्याल क्यूँ हैं मेरे अंदर देखने को तो पूरी ज़िंदगी है फिर भी तू ही क्यों मेरी पूरी दुनिया है आज एक मुलाकात की आरज़ू है फिरसे तेरी कैफियत की चाह है।। #Ek_Mulakat😊😊